समय समय पर विभिन्न
विद्वानो द्वारा भूगोल की विभिन्न परिभाषाएं दी गई है जिनमें से मुख्य इस प्रकार
हैं-
स्ट्रैबो के अनुसान- “भूगोल एक ऐसा स्वतंत्र
विषय है, जिसका उद्देश्य लोगो को इस विश्व (भूमण्डल) का, आकाशीय पिण्डो का, स्थल,
महासागर, जीव जन्तुओं, वनस्पतियों, फलों, तथा भूधरातल के क्षेत्रों में देखी जाने
वाली प्रत्येक अन्य वस्तु का ज्ञान प्राप्त कराना है।”
क्लैडियस टालमी के अनुसार - “भूगोल पृथ्वी की झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विज्ञान है। (Geography is the sublime science that sees the reflection
of the earth in the heavens.)।”
हम्बोल्ट(1759-1859) के
अनुसार- “भूगोल अध्ययन से संबंधित विद्या है। अन्य सभी वास्तविक
विज्ञान चाहे वह प्राकृतिक हों अथवा जैविक, पृथ्वी की घटनाओं से संबंधित होते हैं। ऐसे
विज्ञान व्यक्तिगत रूप मेँ पशु, वनस्पति, अन्य ठोस पदार्थ या जीवाशेष की बनावट एवं प्रक्रिया का ही अध्यन है जबकि
भूगोल का संबंध मेँ उपर्युक्त सभी वस्तुओं से एक साथ सहसंबंधित रुप मेँ जैसी कि वह
किसी क्षेत्र मेँ सामान्यतः पायी जाती है, के वर्णन एवं
अध्यन से है। ”
कार्ल रिटर के अनुसार- “भूगोल वह विज्ञान है,
जिसमें पृथ्वी को स्वतंत्र ग्रह के रूप में मान्यता देते हुए उसके समस्त लक्षणों,
घटनाओं एवं उसके अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।”
आर्थर होम्स के अनुसार- “भूगोल में पृथ्वी के
उस भाग का अध्ययन किया जाता है, जो ‘मानव के
रहने का स्थान’ (Earth as a home of Man) है। ”
स्टाम्प के अनुसार- “भूगोल में पृथ्वी तल
का वर्णन, क्षेत्रों की विभिन्नताओं और संबंधों के प्रसंग में किया जाता है।”
हार्ट शोर्न के अनुसार- “भूगोल प्रकृति के
अध्ययन से संबंधित विद्या है।”
इमेनुआल काण्ट के अनुसार- “भूगोल भूतल का अध्ययन
है। यह भूतल के भिन्न-भिन्न भागो में पाई जाने वाली भिन्नता की पृष्ठभूमि में की
गई व्याख्या है।”
ओ.एच.के.स्पेट के अनुसार- “आधुनिक भूगोल मानव के
भौतिक, प्रणिजैविक तथा सांस्कृतिक पर्यावरण (Physical, Biological
and Cultural Environment) की ओर हमारा ध्यान आकर्षण कराता है।”
रिचथोफेन के अनुसार- “भूगोल में पृथ्वी तल
के विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन उनकी समग्र विशेषताओं के आधार पर किया जाता है।”
वारेनियस(1622-1650) के अनुसार- “भूगोल पृथ्वी की सतह को
अध्ययन का केंद्र मानकर उसे समझाने वाली विद्या है। इसके अंतर्गत जलवायु, धरातलीय लक्षण, जल एवं मरूभूमि, खनिज एवं पशु व भूतल पर बसे मानव जेसे तत्वो का निरिक्षण एवं वर्णन होता
है।”