भूगोल वह शाश्त्र
है जिसके द्वारा पृथ्वी के उपरी स्वरूप और उसके प्राकृतिक विभागों जैसे- पहाड़,
नदियाँ, सागर, महासागर, झील, ज्वालामुखी, ज्वार-भाटा, भूकम्प, महादेश, देश, नगर
आदि का अध्ययन किया जाता है
भूगोल या
जियोग्राफी सम्पूर्ण ब्रम्हांड में मानव के निवास के रूप में वर्तमान समय तक
प्रमाणित एकमात्र ग्रह पृथ्वी के बारे में तथ्यात्मक विवरणों के साथ सम्पूर्ण
अध्ययन करने वाला विज्ञान है। भूगोल (भू + गोल) का शाब्दिक अर्थ है गोल प्रथ्वी।
वास्तव में यह शब्द पृथ्वी के मात्र एक ही गुण का परिचायक है न कि सम्पूर्ण भूगोल
की वास्तविक सीमाओं का।
भूगोल एक
प्राचीनतम विज्ञान है और इसकी नींव प्रारंभिक यूनानी विद्वानों के कार्यों में दिखाई पड़ती है। भूगोल शब्द का प्रथम प्रयोग यूनानी विद्वान इरेटॉस्थनीज ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व
में किया था। आरंभ में भूगोल सामाजिक शास्त्रों (Social- Sciences) का ही एक भाग था। भूगोल विस्तृत पैमाने पर सभी भौतिक व मानवीय तथ्यों की अन्तर्क्रियाओं और इन अन्तर्क्रियाओं से उत्पन्न स्थलरूपों का अध्ययन करता है। यह बताता है कि कैसे,
क्यों और कहाँ मानवीय व प्राकृतिक क्रियाकलापों का उद्भव
होता है और
कैसे ये क्रियाकलाप एक दूसरे से अन्तर्संबंधित हैं।
भूगोल यानी Geography शब्द दो शब्दो से मिलकर बना है। Geo+Graphy अर्थात् Geo जिसका अर्थ होता है प्रथ्वी और Graphy
का अर्थ होता है वर्णन करना। अतः सामान्य शब्दों में पृथ्वी के
धरातल के वर्णन को ही भूगोल कहा जाता है।
- भूगोल के लिए जियोग्राफिका शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम यूनानी विद्वान इरेटोस्थनीज ने किया था।
- हिकैटियस को भूगोल का पिता कहा जाता है जिसकी प्रसिद्ध पुस्तक जेसपेरियोड्स है।
- आधुनिक भूगोल का पिता अलेक्जेन्डर वाँन हम्बोल्ट को माना जाता है।
- विश्व ग्लोब के प्रथम निर्माता मार्टिन बेहम थे।
- विश्व मानचित्र के प्रथम निर्माता आग्नेजी मेंडर थे।
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